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Showing posts from July, 2018

गणित में सरसता और आनंद

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पुस्तक: गणित में सरसता और आनंद । लेखक: लायकराम शर्मा । प्रकाशक: यूनीकॉर्न बुक्स, जे-3/16, दरियागंज, नई दिल्ली-110 002 । फोन नं.: 011-2327 6539, 2327 2783, 2327 2784 । पृष्ठ संख्या: 135 । मूल्य: 64 रुपए।  प्राय: गणित को एक कठिन विषय माना जाता है। इसकी कई वजह हो सकती हैं, लेकिन एक खास वजह है — गणित पढ़ाने के रूखे तौर-तरीके, जो विद्यार्थियों में इस विषय के प्रति रुचि पैदा नहीं करते।  लायकराम शर्मा की पुस्तक 'गणित में सरसता और आनंद' इस दिशा में एक बेहतरीन प्रयास है, क्योंकि उन्होंने गणित के प्रति विद्यार्थियों में रुचि जाग्रत करने की कोशिश की है। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद हर कोई यकीन करेगा कि सच में गणित विषय बहुत सरस है। यह भी बहुत आनंददायक है और इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पुस्तक के कुछ अध्याय इस प्रकार हैं जो पाठक की गणित के प्रति रुचि जगाते हैं — गणित, सौंदर्य और सत्य, अंकों का पिरामिड, गणितीय चिह्नों का चमत्कार, पहाड़ों की सरसता, वर्ग करने की सरलतम विधियां, असत्य को ​सत्य सिद्ध करना, अध्यात्म का गणितीय विवेचन, भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ, भाग विधि ...

दिव्यात्मा सोहन लाल दूगड़

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पुस्तक: दिव्यात्मा सोहन लाल दूगड़ । लेखक: नलिन सराफ । प्र​काशक: भगत सिंह दूगड़, 405/406, शारदा चैम्बर्स, न्यू मरीन लाइंस, मुंबई-400 020 । फोनं.: 022-2623 1498, 9821 042 840 । पृष्ठ संख्या: 140 । मूल्य: 150 रुपए । राजस्थान की धरती ने देश को अनेक संत-महात्मा, शूरवीर और उद्योगपति दिए हैं। खासतौर पर शेखावाटी को तो इनकी खान कहा जाता है। यहां का फतेहपुर कस्बा अपनी खूबियों में निराला है। यहां 20 जून 1895 को एक अभावग्रस्त परिवार में जन्मे सोहन लाल दूगड़ मानव रत्न थे। यह पुस्तक उन्हीं के जीवन पर आधारित है, जिसकी बेहतरीन प्रस्तुति के लिए लेखक नलिन सराफ के परिश्रम को सराहा जाना चाहिए। सोहन लाल दूगड़ अर्थाभाव के कारण व्यवस्थित रूप से शिक्षा नहीं पा सके, परंतु उन्होंने अपनी सूझबूझ से ​जीवन में सफलता प्राप्त की। हमारे समाज में प्र​चलित यह उक्ति उन्हीं के लिए बनी है कि सौ हाथों से कमाओ और हज़ार हाथों से दान करो। सोहन लाल दूगड़ इसी कोटि के एक महादानी पुरुष थे।  उन्होंने अपने जीवन में अनेक विद्यालय, प्याऊ, पुस्तकालय आदि खुलवाए। यही नहीं, ब्रिटिश शासन के दौरान कई स्वतंत्रता...

पवित्र क़ुरआन, सुगम हिंदी अनुवाद मूल अरबी सहित

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पुस्तक: पवित्र क़ुरआन (सुगम हिंदी अनुवाद मूल अरबी सहित) । अनुवादक: डॉ. मुहम्मद अहमद । प्रकाशक: मधुर संदेश संगम, ई-20, अबुल-फ़ज़्ल इन्कलेव, जामिया नगर, नई दिल्ली - 110 025 । फोन नं.: 011-2695 3327, 0921 235 6332 । पृष्ठ संख्या: 928 ।  क़ुरआन इस्लाम का पवित्र धर्मग्रंथ है, जो मूलत: अरबी भाषा में है। जो अरबी नहीं जानते, उनके लिए अन्य भाषाओं में इसके अनुवाद उपलब्ध हैं। क़ुरआन का हिंदी अनुवाद डॉ. मुहम्मद अहमद ने किया है जो बहुत सहज और सरल है। यह अनुवाद अरबी से उर्दू में मौलाना मुहम्मद फ़ारूक़ ख़ां ने किया था।  डॉ. मुहम्मद अहमद ने सिर्फ शब्दों का अनुवाद नहीं किया है, बल्कि मूल अरबी क़ुरआन के भाव को भी इसमें बरकरार रखा है। इसलिए यह साधारण साक्षर से लेकर विद्वानों तक के लिए पठनीय हो गया है।  पुस्तक की शुरुआत में विषय-सूची के साथ उन घटनाओं का भी जिक्र किया गया है जो उस सूरह में शामिल होंगी। पुस्तक में विस्तृत टीका-टिप्पणी नहीं की गई है लेकिन अनुवाद के शब्दों का चयन इतना सरल है कि अधिक विस्तार की कोई जरूरत नहीं रही। पुस्तक में सिर्फ आयतों का अनुवाद नहीं दि...

सत्य एवं प्रेरक घटनाएं

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पुस्तक: सत्य एवं प्रेरक घटनाएं । लेखक: भक्त रामशरणदास पिलखुवा । प्रकाशक: गीता प्रेस, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश- 273 005 । फोन नं. : +91-551 - 2333030, 2334721 Ext. 251/250  ।  पृष्ठ संख्या: 191 । मूल्य: 28 रुपए ।  प्रेरक साहित्य प्रकाशन के क्षेत्र में गीता प्रेस एक जाना-पहचाना नाम है। यूं तो इसकी अनेक पुस्तकें पठनीय हैं परंतु 'सत्य एवं प्रेरक घटनाएं' नामक पुस्तक सभी को एक बार जरूर पढ़नी चाहिए। पुस्तक के हर अध्याय में शब्दों का चयन बहुत सोच-समझकर किया गया है और कीमत भी इतनी कि हर पुस्तक-प्रेमी आसानी से खरीद सके।  जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इसमें उन घटनाओं का उल्लेख किया गया है जो सत्य हैं, साथ ही प्रेरक भी। लेखक रामशरणदास पिलखुवा ने वर्षों पूर्व सत्य घटनाएं लिखी थीं, जिन्हें बाद में 'कल्याण' पत्रिका में प्रकाशित किया गया। उन्हीं घटनाओं को संगृहीत कर यह पुस्तक तैयार की गई है। पुस्तक के कुछ अध्यायों के नाम इस प्रकार हैं — अशुद्ध आहार का प्रभाव, दो विचित्र स्वप्न, गांव की बेटी अपनी बेटी, कैलास-मानसरोवर में सिद्ध योगी महात्माओं के दर्शन, पूर्वजन्म का अ...

16 साल की इस लड़की की बातें दिग्गज सीईओ ध्यान से क्यों सुन रहे हैं?

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Image Courtesy - Stars And Stripes   प्लास्टिक के इस्तेमाल से हमारी ज़िंदगी आसान हुई है लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ जब यह पर्यावरण के लिए बड़ी चुनौती बन गया। इसलिए दुनियाभर में प्लास्टिक के कम से कम इस्तेमाल और उसके सही ढंग से निस्तारण के लिए काफी चर्चा हो रही है। कई लोगों ने तो धरती बचाने के लिए एक अभियान चला दिया है।  बदलाव के इन्हीं पैरोकारों में शामिल हैं शैल्बी ओ. नील, जिन्होंने महज 16 साल की उम्र में धरती बचाने की वह मुहिम छेड़ रखी है। उनका जिक्र कई देशों के मीडिया में हो रहा है। शैल्बी ने प्लास्टिक का उपयोग रोकने की अपील की है। कई लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया लेकिन कुछ कंपनियां आगे आईं और उन्होंने इस मुहिम में भाग लेते हुए इसे सराहा। उनकी अपील के बाद कई बड़ी कंपनियों ने प्लास्टिक स्ट्रा का उपयोग बंद या बहुत कम कर दिया है। वे अब इसका विकल्प ढूंढ़ रही हैं, क्योंकि प्लास्टिक स्ट्रा से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। शैल्बी ने एक साल पहले डिग्निटी हैल्थ, जो सैन फ्रांसिस्को में स्थित है, के सीईओ को ईमेल किया। शैल्बी ने उनका ध्यान कंपनी के एक विज्ञापन की...

एक और भारतीय छात्र की प्रतिभा को गूगल का सलाम, दिया करोड़ों का पैकेज

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Image Courtesy - The News Minute दुनिया की दिग्गज कंपनियों में भारतीयों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। प्रतिष्ठित इंटरनेट कंपनी गूगल ने भारतीय छात्र आदित्य पालीवाल को 1.2 करोड़ रुपए सालाना पैकेज आॅफर किया है। आदित्य बेंगलूरु से हैं। गूगल का आॅफर मिलने के बाद पूरे भारत में उनकी चर्चा हो रही है।  उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी, बेंगलूरु से पढ़ाई की है। उन्होंने इंटिग्रेटेड एमटेक डिग्री ली है। गूगल में चयन होने के बाद वे न्यूयॉर्क स्थित गूगल आर्टिफिशल इंटेलिजेंस रीसर्च विंग में सेवा देंगे।  यहां तक पहुंचने के लिए आदित्य को 6 हजार प्रतियोगियों से मुकाबला करना पड़ा। आखिरकार गूगल ने 50 का चयन किया, जिनमें से आदित्य भी एक हैं। इससे पहले आदित्य एसीएम इंटनैशनल कॉलेजिएट प्रोग्रामिंग कॉन्टेस्ट 2017-2018 के फाइनलिस्ट रहे हैं, जो कंप्यूटर लैंग्वेज कोडिंग की मशहूर प्रतियोगिता है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि गूगल की ओर से आॅफर मार्च में ही मिल गया था। उन्होंने अपने चयन पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि गूगल में काम करते हुए बहुत कुछ नया सीखने को मि...

गूगल ने माना भारतीय प्रतिभा का लोहा, बिहार के छात्र को दिया 1.20 करोड़ का पैकेज

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Image Courtesy - Nai Dunia भारतीय प्रतिभा का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। मशहूर सर्च इंजन गूगल ने बिहार के आदर्श कुमार को एक करोड़ बीस लाख रुपए सालाना के पैकेज पर नौकरी दी है। बीबीसी की एक ख़बर के मुताबिक, आदर्श ने आईआईटी रूड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली है और वे अपना करियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर शुरू कर रहे हैं। आदर्श बहुत प्रतिभाशाली विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने बारहवीं की परीक्षा में गणित और रसायन विज्ञान में 100 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। उन्हें आईआईटी रूड़की में मैकेनिकल ब्रांच मिली जो उन्हें खास पसंद नहीं आई। चूंकि गणित उनका पसंदीदा विषय था, इसलिए वे प्रोग्रामिंग में दिलचस्पी लेने लगे।  आदर्श के मुताबिक, गणित के मुश्किल सवालों को हल करने के लिए अलग-अलग नजरिए से सोचना पड़ता है। इसी खूबी ने उन्हें सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर बनने में मदद की। इंजीनियरिंग के चौथे साल तक उन्होंने प्रोग्रामिंग में खासी महारत हासिल कर ली थी। कैंपस सेलेक्शन के दौरान वे एक कंपनी के लिए चुन लिए गए।  इसके बाद उन्होंने गूगल में अप्लाई किया। वहां उन्हें कई प्रकार के टे...

भारतीय छात्र को गूगल ने दिया 2 लाख का इनाम, जरूरतमंदों को दे दी पूरी रकम

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Imaage Courtesy - ZeeNews   दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल एक भारतीय छात्र की प्रतिभा का इतना कायल हुआ कि उसने दो लाख रुपए बतौर इनाम देने का ऐलान किया है। हालांकि छात्र ने राशि यह कहकर लेने से इनकार कर दिया कि इसे जरूरतमंदों में बांट दिया जाना चाहिए। हिंदुस्तान की एक ख़बर के मुताबिक, पटना के नौवीं कक्षा के छात्र आर्यन राज ने यह उपलब्धि हासिल की है।  आर्यन ने दो एप कंप्यूटर शॉर्टकट कीज़ और वॉट्सएप क्लीनकर लाइट बनाए हैं। गूगल ने ये एप छात्र से खरीदे हैं। साथ ही इतनी कम उम्र में एप बनाने पर आर्यन की तारीफ भी की है। गूगल प्लेस्टोर पर इन दोनों एप्स को यूजर अच्छी रेटिंग दे रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, दोनों ही एप इस्तेमाल करने में काफी आसान हैं। कंप्यूटर शॉर्टकट कीज़ को खास तरह से डवलप किया गया है। इससे ज्यादा तेजी से काम किया जा सकता है।  आर्यन द्वारा बनाया हुआ वॉट्सएप क्लीनकर लाइट एप भी काफी उपयोगी है। यह वॉट्सएप पर आने वाले वायरस आदि को स्कैन कर देता है। इसमें और भी काफी फीचर्स हैं जो यूजर के लिए फायदेमंद हैं। इन्हीं सब खूबियों को देखकर यूजर्स ने आ...

धमाकों से तबाह हो गए स्कूल तो यूट्यूब से पढ़ाई करने लगा यह बच्चा

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अफगानिस्तान कई दशकों से आतंकवाद और हिंसा से पीड़ित है। इस वजह से यहां के आम लोगों की ज़िंदगी बहुत ज्यादा मुश्किलों से भरी हुई है। बंदूक की गोलियां बंकर और स्कूल की इमारतों में फर्क नहीं कर सकतीं, इसलिए कई इलाकों में स्कूल तबाह हो गए और वहां शिक्षा का कोई पुख्ता बंदोबस्त नहीं है, लेकिन ये तमाम हालात एक बच्चे के हौसले को डिगा नहीं पाए। उसका नाम फरहद नूरी है। करीब 10 साल का फरहद पेंटिंग में खासी दिलचस्पी रखता है। जब स्कूल में पढ़ाई चौपट हो गई तो उसने मोबाइल फोन को अपना स्कूल बना लिया और यूट्यूब को क्लास रूम। इसके जरिए वह पेंटिंग के गुर सीख रहा है। उसकी बनाई पेंटिंग्स की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा है। अफगानिस्तान में लगातार हो रही हिंसा के कारण फरहद के परिवार ने देश छोड़ दिया। अब वे सर्बिया के शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं। वे ईरान से मिस्र होते हुए इन कैंपों तक पहुंचे और काफी मुश्किलों का सामना किया।  इन मुश्किल हालात में पढ़ाई-लिखाई की उम्मीदें धूमिल होने लगीं तो फरहद ने मोबाइल फोन और यूट्यूब की मदद ली। वह पेंटिंग बनाने के वीडियो देखने लगा और सिखाई गई बारीकियों के ...