बुजुर्ग छात्र के हौसले को सलाम, जो 70 की उम्र में जाते हैं स्कूल
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हमने समाज में अक्सर लोगों को यह शिकायत करते सुना है कि बुढ़ापा ज़िंदगी का आखिरी पड़ाव है, जहां पहुंचकर कोई इन्सान कुछ नहीं कर सकता। इस मान्यता को गलत साबित कर दिया है नेपाल के एक बुजुर्ग विद्यार्थी ने।
इनकी उम्र भले ही 70 साल हो लेकिन पढ़ाई के प्रति इनका हौसला किसी नौजवान से कम नहीं है। ये मध्य नेपाल के फेडीखोला में रहते हैं। इनका नाम है दुर्गा कामी। बचपन में आर्थिक समस्याओं की वजह से ये स्कूल नहीं जा पाए, जिसका उन्हें बहुत मलाल रहा।
इन्होंने अपने मन में शिक्षा की लौ को मंद नहीं पड़ने दिया और आखिरकार स्कूल में दाखिला ले ही लिया। वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों से उनकी उम्र भले ही बहुत ज्यादा हो लेकिन वे सबके साथ सहपाठी की तरह मिलजुलकर रहते हैं।
वे एक अनुशासित विद्यार्थी की तरह यूनिफॉर्म पहनते हैं और बैग उठाकर विद्यालय जाते हैं। वे प्रार्थना सभा में लाइन में खड़े होते हैं और कक्षा में पूरा दिन पढ़ाई करते हैं। यही नहीं, वे होमवर्क भी समय पर करते हैं।
दुर्गा कामी की यह कहानी सामने आने के बाद उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं। हजारों लोगों ने उन्हें दुनिया का सबसे बुजुर्ग छात्र कहकर अभिनंदन किया। गौरतलब है कि 2001 में दुर्गा कामी की पत्नी का देहांत हो चुका है। वे छह बच्चों के पिता हैं। उनके आठ पोते-पोती हैं।
लाइब्रेरी की ओर से दुर्गा कामी के हौसले को सैल्यूट।
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